नई दिल्ली। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2021 से शुरु हो रहे रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की खरीद पिछले सीजन की तुलना में दस फीसदी अधिक करेगी। सरकार को नए सीजन में गेहूं की खरीद 427.3 लाख टन रहने की उम्मीद है। पिछले सीजन में यह खरीद 389.9 लाख टन थी। इस तरह गेहूं की खरीद 9.56 फीसदी बढ़ने की संभावना है।
केंद्र सरकार के दूसरे अग्रिम अनुमान के मुताबिक चालू फसल वर्ष में गेहूं का उत्पादन पिछले साल की तुलना में 1092.4 लाख टन होने का अनुमान है। यह उत्पादन पिछले सीजन में 1078.6 लाख टन था। गेहूं का रकबा एवं यील्ड बढ़ने से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी।
सरकार इस साल मध्य प्रदेश में 135 लाख टन गेहूं की खरीद कर सकती है जो पिछले साल 129.4 लाख टन थी। पंजाब में 127.1 लाख टन की तुलना में 130 लाख टन, हरियाणा में 74 लाख टन की तुलना में 80 लाख टन और उत्तर प्रदेश में 34.7 लाख टन की तुलना में 55 लाख टन गेहूं की खरीद होने की उम्मीद है।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारियों ने बांग्लादेश को तकरीबन 50 हजार टन गेहूं का निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह निर्यात 220-230 डॉलर प्रति टन फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) पर हुआ है। यह गेहूं अगले कुछ दिन में कंडला बंदरगाह से रवाना होगा।
कारोबारियों के अनुसार भारत से बांग्लादेश को चालू वित्त वर्ष में और गेहूं निर्यात के ऑर्डर मिलने की संभावना है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से भारतीय गेहूं के औसत निर्यात भाव प्रतिस्पर्धात्मक बने हुए हैं। भारतीय गेहूं का औसत निर्यात भाव 230-240 डॉलर प्रति टन एफओबी है जो एक साल पहले 300-320 डॉलर था।
घरेलू बाजार में गेहूं की बल्क मांग सुस्त होने एवं अधिक उत्पादन से सप्लाई बढ़ने से गेहूं के दाम नीचे आए हैं। वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में गेहूं की पैदावार पूर्व वर्ष से चार फीसदी अधिक 10.76 करोड़ टन रही। कारोबारियों का कहना है कि गेहूं के दाम अगले कुछ महीनों में और नीचे आ सकते हैं क्योंकि देश में इस साल गेहूं का उत्पादन 11.50 करोड़ टन रह सकता है।
बता दें कि एपीडा के मुताबिक भारत ने अप्रैल से दिसंबर के दौरान 976083 टन गेहूं का निर्यात किया है जो पिछले साल समान समय में 170896 टन था। भारतीय गेहूं की मांग बांग्लादेश, श्रीलंका सहित अन्य दक्षिण एवं दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में रहती है।
इंदौर। मध्य प्रदेश की इंदौर मंडी में नए गेहूं की आवक शुरु हो गई है जो सामान्य समय से लगभग एक महीने पहले आया है। कारोबारियों का कहना है कि इस साल मौसम अनुकूल रहने से किसानों को गेहूं की कटाई जल्दी करनी पड़ी एवं फसल की आवक जल्दी हुई है। नए गेहूं की आवक एक हजार बोरी (प्रति बोरी 100 किलोग्राम) रही। नए गेहूं का भाव 1750-1900 रुपए प्रति क्विंटल रहा जो पिछले साल समान समय के भाव 2000-2300 रुपए से 12-17 फीसदी नीचे हैं। राज्य सरकार द्धारा गेहूं की खरीद शुरु किए जाने पर गेहूं के दाम बढ़ेंगे।
कारोबारियों का कहना है कि नए गेहूं में नमी की मात्रा 13-14 फीसदी है जबकि यह 11-12 फीसदी होनी चाहिए थी। उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार मार्च से गेहूं की खरीद शुरु करेगी। हालांकि, गेहूं के दाम में खासी बढ़ोतरी की उम्मीद कम है क्योंकि इस साल देश में गहूं की उपज अधिक होने का अनुमान है।
देश में चालू रबी सीजन 2020-21 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन पिछले सीजन की तुलना में तीन फीसदी बढ़कर 10.77 करोड़ टन होने की उम्मीद है। पिछले साल यह उत्पादन 10.45 करोड़ टन था। जबकि, सरकार के मुताबिक पिछले सीजन में यह उत्पादन 10.76 करोड़ टन था। भारतीय गेहूं-जौ शोध संस्थान के मुताबिक देश में चालू रबी सीजन में 11.50 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है। यह उत्पादन बीते रबी सीजन के 10.76 करोड़ टन की तुलना में सात फीसदी अधिक होगा। देश में इस साल गेहूं की बोआई तीन फीसदी बढ़कर 346 लाख हैक्टेयर में हुई।
नई दिल्ली। देश में चालू रबी सीजन 2020-21 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन पिछले सीजन की तुलना में तीन फीसदी बढ़कर 10.77 करोड़ टन होने की उम्मीद है। पिछले साल यह उत्पादन 10.45 करोड़ टन था। जबकि, सरकार के मुताबिक पिछले सीजन में यह उत्पादन 10.76 करोड़ टन था।
कारोबारी अनुमान के मुताबिक देश में चालू रबी सीजन में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात में गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी होने की संभावना है। कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल गेहूं का रकबा पिछले साल की तुलना में तीन फीसदी बढ़कर 346 लाख हैक्टेयर पहुंचा है। जमीन में पर्याप्त नमी होने एवं सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने से गेहूं का रकबा बढ़ा है। कारोबारियों का कहना है कि मध्य प्रदेश एवं हरियाणा में अधिक बोआई एवं ऊंची यील्ड के अलावा अनुकूल मौसम से गेहूं के उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। जबकि, भारतीय गेहूं-जौ शोध संस्थान के मुताबिक देश में इस साल गेहूं की औसत यील्ड 3.4 टन प्रति हैक्टेयर रहने की संभावना है जो पिछले साल 3.2 टन थी।
जबकि, बंगलूर की एक अन्य रिसर्च एजेंसी के मुताबिक गेहूं की यील्ड 3.14 टन प्रति हैक्टेयर रह सकती है जबकि पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में यह इससे अधिक 3.20 टन प्रति हैक्टेयर रहने की संभावना है। इस एजेंसी के मुताबिक देश में गेहूं का उत्पादन 10.65-10.88 करोड़ टन रह सकता है। कुछ कारोबारियों का कहना है कि इन दिनों तापमान में जिस तरह बढ़ोतरी हुई है उससे उत्पादन में गिरावट आ सकती है।
भारतीय गेहूं-जौ शोध संस्थान के मुताबिक देश में चालू रबी सीजन में 11.50 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने की संभावना है। यह उत्पादन बीते रबी सीजन के 10.76 करोड़ टन की तुलना में सात फीसदी अधिक होगा।
वाशिंग्टन। अमरीकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2020-21 में कज़ाख़िस्तान में गेहूं का उत्पादन बढ़ने से अर्जेंटीना, पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका में कम पैदावार की भरपाई हो सकेगी। चीन में फूड और सीड की मांग बढ़ने जबकि भारत में औद्योगिक मांग से गेहूं की खपत में इजाफा होगा। जबकि, भारत, यूरोपीयन देशों और कज़ाख़िस्तान का गेहूं निर्यात बढ़ने की उम्मीद है। गेहूं का आयात चीन एवं पाकिस्तान से बढ़ेगा जबकि इंडोनेशिया, सऊदी अरब और सूडान का घटेगा। यूएसडीए ने वर्ष 2020-21 सीजन के लिए गेहूं के औसत भाव को 0.15 डॉलर बढ़ाकर 5 डॉलर प्रति बुशेल किया है।
यूएसडीए ने वर्ष 2020-21 में भारत में गेहूं का उत्पादन 10.75 करोड़ टन होने का अनुमान जताया है। यह उत्पादन वर्ष 2019-20 में 10.36 करोड़ टन जबकि वर्ष 2018-19 में 9.98 करोड़ टन था। भारत से वर्ष 2020-21 में गेहूं निर्यात 22 लाख टन रहने का अनुमान जताया है जबकि पिछले महीने यह आंकलन 18 लाख टन था। यह निर्यात वर्ष 2019-20 में 5.95 लाख टन था।
यूएसडीए ने समूचे विश्व में वर्ष 2020-21 में 77.34 करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान है जो पिछले महीने 77.26 करोड़ टन आंका गया था। वर्ष 2019-20 में यह उत्पादन 76.39 करोड़ टन था। इस संस्था ने रुस में वर्ष 2020-21 में 8.53 करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान जताया है। कज़ाख़िस्तान में गेहूं का उत्पादन 1.42 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान है। यह अनुमान पिछले महीने 1.25 करोड़ टन था। अमरीका में 4.96 करोड़ टन, चीन में 13.42 करोड़ टन, यूरोपीयन संघ में 13.58 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान है।
यूएसडीए ने गेहूं की कुल वैश्विक खपत जनवरी के अनुमान 75.95 करोड़ टन से बढ़कर 76.93 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2020-21 में गेहूं का वैश्विक अंतिम स्टॉक 30.42 करोड़ टन रहने का ताजा अनुमान जताया गया है जो पिछले महीने 31.31 करोड़ टन आंका गया था। यह वर्ष 2019-20 में 30 करोड़ टन रहा। भारत में गेहूं का अंतिम स्टॉक वर्ष 2020-21 में 2.75 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान पिछले महीने 3.13 करोड़ टन आंका गया था।
लंदन। इंटरनेशनल ग्रेन काउंसिल (आईजीसी) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि गेहूं का वैश्विक उत्पादन वर्ष 2020-21 में 76.80 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह अनुमान नवंबर 2020 में 76.90 करोड़ टन आंका गया था। गेहूं की वैश्विक खपत 75.30 करोड़ टन रहने का अनुमान है। यह आंकलन पिछली बार 75.20 करोड़ टन था। इस साल गेहूं का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 30 लाख टन अधिक होने की संभावना है।
गेहूं का कैरी ओवर स्टॉक पिछले अनुमान 29.50 करोड़ टन के बजाय 29.40 करोड़ टन रहने का अनुमान है जबकि इसका ट्रेड 18.70 करोड़ टन होगा। वर्ष 2019-20 में गेहूं का वैश्विक उत्पादन 76.40 करोड़ टन रहा जबकि खपत 74.50 करोड़ टन रहा।
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारियों ने म्यांमार के साथ तकरीबन एक लाख टन गेहूं का निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह निर्यात 200-210 डॉलर प्रति टन फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) पर हुआ है। ये शीपमेंट अगले कुछ दिन में कंडला बंदरगाह से रवाना होंगे।
कारोबारियों के अनुसार भारत का गेहूं निर्यात इस साल अधिक रहने की संभावना है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से भारतीय गेहूं के भाव प्रतिस्पर्धात्मक बने हुए हैं। बता दें कि कारोबारियों ने पिछले सप्ताह म्यांमार के साथ 50 हजार टन गेहूं निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
घरेलू बाजार में पिछले कुछ महीनों में गेहूं के दाम घटने से भारतीय गेहूं प्रतिस्पर्धा में आया है। भारतीय गेहूं का औसत निर्यात भाव 200-210 डॉलर प्रति टन एफओबी है जो एक साल पहले 290-300 डॉलर प्रति टन था।
घरेलू बाजार में गेहूं की बल्क मांग सुस्त होने एवं अधिक उत्पादन से सप्लाई बढ़ने से गेहूं के दाम नीचे आए हैं। वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में गेहूं की पैदावार पूर्व वर्ष से चार फीसदी अधिक 10.76 करोड़ टन रही। कारोबारियों का कहना है कि गेहूं के दाम अगले कुछ महीनों में और नीचे आ सकते हैं क्योंकि देश में इस साल गेहूं का रकबा पांच फीसदी से ज्यादा बढ़कर 325.35 लाख हैकटेयर पहुंच गया है जो पिछले साल इस समय 313.95 लाख हैक्टेयर था।
बता दें कि एपीडा के मुताबिक भारत ने अप्रैल से नवंबर के दौरान 750672 टन गेहूं का निर्यात किया है जो पिछले साल समान समय में 154945 टन था। भारतीय गेहूं की मांग बांग्लादेश, श्रीलंका सहित अन्य दक्षिण एवं दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में रहती है।
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारियों ने म्यांमार को तकरीबन 50 हजार टन गेहूं का निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह निर्यात 210-220 डॉलर प्रति टन फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) पर हुआ है। यह शीपमेंट गेहूं अगले कुछ दिन में कंडला बंदरगाह से रवाना होगा।
कारोबारियों के अनुसार भारत का गेहूं निर्यात इस साल अधिक रहने की संभावना है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से भारतीय गेहूं के भाव प्रतिस्पर्धात्मक बने हुए हैं।
घरेलू बाजार में पिछले कुछ महीनों में गेहूं के दाम घटने से भारतीय गेहूं प्रतिस्पर्धा में आया है। भारतीय गेहूं का औसत निर्यात भाव 200-210 डॉलर प्रति टन एफओबी है जो एक साल पहले 290-300 डॉलर प्रति टन था। घरेलू बाजार में गेहूं की बल्क मांग सुस्त होने एवं अधिक उत्पादन से सप्लाई बढ़ने से गेहूं के दाम नीचे आए हैं। वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में गेहूं की पैदावार पूर्व वर्ष से चार फीसदी अधिक 10.76 करोड़ टन रही।
कारोबारियों का कहना है कि गेहूं के दाम अगले कुछ महीनों में और नीचे आ सकते हैं क्योंकि देश में इस साल गेहूं का रकबा पांच फीसदी से ज्यादा बढ़कर 325.35 लाख हैकटेयर पहुंच गया है जो पिछले साल इस समय 313.95 लाख हैक्टेयर था।
वाशिंग्टन। अमरीकी कृषि विभाग (यूएसडीए) ने अपनी ताजा रिपोर्ट में कहा है कि वर्ष 2020-21 में अर्जेंटीना और चीन में गेहूं का उत्पादन घटने और रुस में बढ़ने की बात कही है। साथ ही गेहूं की वैश्विक खपत फीड सैक्टर में अधिक होगी एवं चीन और रुस इसके सबसे बड़े उपभोक्ता होंगे। यूएसडीए ने वर्ष 2020-21 सीजन के लिए गेहूं के औसत भाव को 0.15 डॉलर बढ़ाकर 4.85 डॉलर प्रति बुशेल किया है।
यूएसडीए ने वर्ष 2020-21 में भारत में गेहूं का उत्पादन 10.75 करोड़ टन होने का अनुमान जताया है। पिछले महीने में भी यही अनुमान था। यह उत्पादन वर्ष 2019-20 में 10.36 करोड़ टन जबकि वर्ष 2018-19 में 9.98 करोड़ टन था। भारत से वर्ष 2020-21 में गेहूं निर्यात 18 लाख टन रहने का अनुमान जताया है जबकि पिछले महीने यह आंकलन दस लाख टन था। यह निर्यात वर्ष 2019-20 में 5.95 लाख टन था।
यूएसडीए ने समूचे विश्व में वर्ष 2020-21 में 77.26 करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान है जो पिछले महीने 77.36 करोड़ टन आंका गया था। वर्ष 2019-20 में यह उत्पादन 76.39 करोड़ टन था।
इस संस्था ने रुस में वर्ष 2020-21 में 8.53 करोड़ टन गेहूं पैदा होने का अनुमान जताया है। कजाकिस्तान में गेहूं का उत्पादन 1.25 करोड़ लाख टन पहुंचने का अनुमान है। अमरीका में 4.96 करोड़ टन, चीन में 13.42 करोड़ टन, यूरोपीयन संघ में 13.58 करोड़ टन गेहूं की पैदावार होने का अनुमान है।
यूएसडीए ने गेहूं की कुल वैश्विक खपत दिसंबर के अनुमान 75.77 करोड़ टन से बढ़कर 75.95 करोड़ टन रहने का अनुमान जताया है। वर्ष 2020-21 में गेहूं का वैश्विक अंतिम स्टॉक 31.31 करोड़ टन रहने का ताजा अनुमान जताया गया है जो पिछले महीने 31.65 करोड़ टन आंका गया था। यह वर्ष 2019-20 में 30 करोड़ टन रहा।
नई दिल्ली। भारतीय कारोबारियों ने बांग्लादेश को तकरीबन एक लाख टन गेहूं का निर्यात करने के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं। यह निर्यात 220-230 डॉलर प्रति टन फ्री ऑन बोर्ड (एफओबी) पर हुआ है। इस निर्यात मात्रा में से 51 हजार टन गेहूं अगले कुछ दिन में कंडला बंदरगाह से रवाना होगा।
कारोबारियों के अनुसार भारत से बांग्लादेश को चालू वित्त वर्ष में और गेहूं निर्यात होने की संभावना है क्योंकि पिछले कुछ महीनों से भारतीय गेहूं के भाव प्रतिस्पर्धात्मक बने हुए हैं एवं बांग्लादेश में खाद्यान्न की कमी है। बता दें कि हमने दिसंबर में बताया था कि भारतीय कारोबारियों ने बांग्लादेश के साथ दो लाख टन गेहूं का निर्यात करने के सौदे किए हैं। घरेलू बाजार में पिछले कुछ महीनों में गेहूं के दाम घटने से भारतीय गेहूं प्रतिस्पर्धा में आया है। भारतीय गेहूं का औसत निर्यात भाव 210-220 डॉलर प्रति टन एफओबी है जो एक साल पहले 300-310 डॉलर था।
Friday March 5,2021
नई दिल्ली। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2021 से शुरु हो रहे रबी मार्केटिंग सीजन म नई दिल्ली। केंद्र सरकार 1 अप्रैल 2021 से शुरु हो रहे रबी मार्केटिंग सीजन म . . . . .
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