मुंबई। म्युचुअल फंडों की मल्टी-कैप योजनाएं बाजार की अस्थिरता को मात देने और अपने बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न देने में कामयाब रही हैं, बावजूद इसके कि 25 फीसदी निवेश स्मॉल-कैप फंडों में निवेश किया गया है।
मल्टी-कैप फंडों के प्रबंधन के तहत कुल संपत्ति मई में 23 प्रतिशत बढ़कर 54,714 करोड़ रुपए पहुंच गई, जबकि जनवरी में 44,516 करोड़ रुपए दर्ज की गई थी। 14 मल्टीकैप फंडों में निवेशकों का फोलियो 25.67 लाख से बढ़कर 33.08 लाख हो गया।
निप्पॉन इंडिया एमएफ के डिप्टी सीआईओ (इक्विटी इन्वेस्टमेंट) शैलेश राज भान ने कहा कि मल्टी-कैप फंड मार्केट कैप व्यापक बाजारों में भाग लेते हैं जो अल्फा पीढ़ी के लिए स्टॉक की सीमा को बढ़ाते हैं। इसके अतिरिक्त, यह मार्केट-कैप आवंटन के अत्यधिक समय की आवश्यकता को दूर करता है और आवंटन जोखिम को कम करता है जो कि अन्य श्रेणियों के फंड के अधीन हो सकते हैं। जबकि सभी तीन श्रेणियां अल्फा निर्माण की अनुमति देती हैं, लार्ज कैप पोर्टफोलियो को उच्च स्तर की स्थिरता प्रदान करते हैं।
क्वांट एक्टिव फंड और महिंद्रा मैन्युलाइफ मल्टी-कैप वृद्धि योजना ने तीन साल में क्रमश: 28 फीसदी और 20 फीसदी और पांच साल में 21 फीसदी और 15 फीसदी का रिटर्न दिया था।
निप्पॉन इंडिया मल्टी-कैप फंड, जिसकी संपत्ति 11,639 करोड़ रुपए है, उसी अवधि में प्रत्येक को 12 प्रतिशत लाभांश दिया। बेंचमार्क निफ्टी 500 का मल्टीकैप रिटर्न 15 फीसदी और 11 फीसदी है।
सेबी के नियमों के अनुसार, मल्टी-कैप फंडों को लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप शेयरों में से प्रत्येक में 25 प्रतिशत निवेश करना होता है, जबकि फंड मैनेजरों के पास अल्फा उत्पन्न करने के लिए शेष निवेश करने का विवेक होता है। दो साल पहले इन फंडों को केवल लार्ज और मिड-कैप शेयरों में निवेश करने और स्मॉल-कैप शेयरों की अनदेखी करने से बचने के लिए किया गया था। सेबी ने सुनिश्चित किया कि ये फंड अपने लेबल पर खरे रहें।
इसके अलावा, सेबी ने लार्ज-कैप के रूप में मार्केट कैप के मामले में शीर्ष 100 कंपनियों को अलग किया और 101 से 250 तक की कंपनियों को मिड-कैप के रूप में स्थान दिया गया, जबकि शेष शेयरों को स्मॉल-कैप कंपनियों के रूप में वर्गीकृत किया गया।
हालांकि, कई फंड हाउस और निवेशकों ने तब दावा किया था कि उन्हें इलिक्विड स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके बाद, सेबी ने फ्लेक्सी-कैप की एक नई श्रेणी की शुरुआत की, जिसने बिना किसी प्रतिबंध के पूरे मार्केट-कैप में निवेश किया। अधिकांश फंड हाउसों ने अपने पोर्टफोलियो में फेरबदल से बचने के लिए अपने मल्टी-कैप फंडों का नाम बदलकर फ्लेक्सी-कैप कर दिया।
भान का कहना है कि मल्टी कैप लंबी अवधि के निवेश करने के लिए सबसे अच्छी श्रेणियों में से एक है क्योंकि यह निवेशक आवंटन पूर्वाग्रह और बार-बार पोर्टफोलियो मंथन को दूर करता है जो उच्च लागत और समय की गलतियों के कारण रिटर्न को कम करता है। यह सभी चक्रों में इक्विटी बाजारों में निवेशकों के लिए भाग लेने के लिए एक प्रमुख और मानक रणनीति बनी हुई है।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)
हमने अभी तक बात की केवाईसी और ई- केवाईसी के बारे में, जिसमें आपने जाना कि केवाईसी क्यों जरूरी है और ऑनलाइन ई- केवाईसी कैसे करवा सकते हैं, लेकिन बहुत से लोगों के मन में यह प्रश्न जरूर उठ रहा होगा कि केवाईसी किन किन लोगों को करवाना चाहिए, तो आज हम बात करेंगे कि किन लोगों को केवाईसी करवाना जरूरी होता है, क्योंकि यह सेबी द्वारा निर्धारित प्रक्रिया है जिसे हर निवेशक और जिस कंपनी में निवेश किया जा रहा है उसे माननी ही होगी, इससे यह भी निश्चित कर लिया जाता है कि पैसा हवाला के जरिए निवेश नहीं किया जा रहा है। किन्हें केवाईसी अनुकूल होना चाहिए ?जो भी निवेशक म्युचु्अल फंड में एकसाथ या एसआईपी से निवेश करना चाहते हैं उन्हें केवाईसी प्रक्रिया पूर्ण कर लेनी चाहिए।केवाईसी सबके लिए जरूरी है भले ही आप कितनी भी रकम निवेश कर रहे हों। किसी भी म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिये केवल एक बार के सत्यापन की ही जरूरत है।किन्हें केवाईसी पूरी करनी होती है:1. व्यक्ति या संस्था (ट्रस्ट, कंपनी)।2. अभिभावक जो अल्पवयस्क के नाम से निवेश कर रहे हैं।3. पीओए होल्डर 4. अगर आप पहली बार कानूनी कार्यवाही से निवेशक बनते हैं जैसे कि निवेशक की मृत्यु के बाद।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)
केवाईसी याने की अपने ग्राहक को जानना, वैसे तो जिस बैंक या वित्तीय संस्था में आप लेन देन करते हैं, वहां आपको सब जानते हैं, लेकिन किसी और जगह आप वित्तीय लेनदेन करने जाएंगे तो वे आपको नहीं जानते। तो सभी वित्तीय संस्थान आपको जाने कि आपकी उम्र कितनी है, आप आज कितने रकम रखते हैं, जिससे वे आपको उपयुक्त बातें बता पाएं।
अगर आप कोई बड़ी रकम जमा कर रहे हैं तो उन्हें कोई ऐतराज नहीं होगा क्योंकि उन्हें केवाईसी से पता चल जाएगा कि आप इतनी रकम जमा कर सकते हैं और किसी तरह की गलत कमाई का पैसा यहां जमा नहीं कर रहे हैं। केवाईसी का मतलब होता है अपने ग्राहक को जानने की प्रक्रिया। सेबी ने हवाला निरोधक एक्ट 2002 के अतर्गत दिशा निर्देश दिए हैं, जिससे कि सारे वित्तीय संस्थान और मध्यवर्ती संस्थानों जैसे कि म्युचुअल फंड को अपने ग्राहक से परिचित होना जरूरी है, इसे ही केवाईसी का नाम दिया गया है।
केवाईसी प्रक्रिया से हवाला और संदेहजनक ट्रांजेक्शन को रोकने में मदद मिलती है। केवाईसी की प्रक्रिया ऑफलाइन होती है, याने कि आपको फॉर्म भरकर वित्तीय संस्थान यानि कि बैंक या फिर सीएएमसी के कार्यालय में जमा करवाना होता है।
ई-केवाईसी में केवाईसी प्रक्रिया पूर्णत ऑनलाइन कर दी गई है जिसमें ग्राहक को ही अधिकार दे दिया गया है।
ई- केवाईसी का मुख्य लक्ष्य केवाईसी में लगने वाले समय को घटाना और कागजी कार्यवाही में कमी लाना था।
म्युचुअल फंड कंपनियों की वेबसाइट आपको केवाईसी की औपचारिकताएं पूरी करने में मदद करती हैं और यह प्रक्रिया ऑनलाइन उसी वक्त पूर्ण हो जाती है।
निवेशक ई- केवाईसी को ऑनलाइन पूर्ण करने के बाद उसी समय पहली म्युचुअल फंड की खरीददारी ऑनलाइन भी कर सकता है।
निवेशक ई- केवाईसी को ऑनलाइन पूरी करने के लिए किसी भी म्युचुअल फंड की वेबसाइट पर जाकर पूर्ण कर सकते हैं.. (बिड़ला, रिलायंस)
ऑनलाइन ई-केवाईसी (वीडीयो वेरीफिकेशन से)। ई- केवाईसी आधार कार्ड के सहयोग से
वीडियो कॉलआपको नीचे बताई गई तीन सरल चरणों में केवाईसी पूर्ण करनी है –1. आपको निजी जानकारी और बैंक खाते की जानकारी फॉर्म में भरनी है।2. फिर जानकारी से भरा हुआ केवाईसी फॉर्म को पीडीएफ में डाऊनलोड कर लें, अपना फोटो चिपकाएं और उस पर तिरछे में हस्ताक्षर करें, इस फॉर्म का रंगीन स्केन करें और स्वहस्ताक्षरित पैन कार्ड एवं एड्रेस प्रूफ के साथ अपलोड कर दें।3. कंपनी वीडियो काल पर आपके सारे दस्तावेज सत्यापित करेगी, तो आप अपना पैन कार्ड एवं एड्रेस प्रूफ तैयार रखें।वीडियो कॉल पूरी होने के बाद आप म्युचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकते हैं। आधार कार्डआप नीचे बताए गए तीन सरल चरणों में केवाईसी आधार से पूर्ण कर सकते हैं –1. आधार कार्ड नंबर फॉर्म में दीजिए और उसी समय आपको मोबाइल नंबर पर OTP का SMS आएगा, मोबाइल नंबर जो आपने आधार कार्ड में दिया है।2. OTP देने के बाद आपकी सारी जानकारी फॉर्म में भरी हुई आ जाएगी, खाली जरूरी फील्ड भरकर फॉर्म को सबमिट कर दीजिए।3. खरीदना।
ई- केवाईसी के बाद आप अपना यूजर आईजी बनाने के बाद तुरंत ही म्युचुअल फंड खरीदना शुरू कर सकते हैं।
नियामक के नियमानुसार अगर आपने आधार कार्ड से ई- केवाईसी किया है तो आप हर वर्ष हर म्युचुअल फंड से अधिकतम 50 हजार रूपए तक की ही खरीददारी कर सकते हैं।
Tuesday March 21,2023
मुंबई। म्युचुअल फंडों की मल्टी-कैप योजनाएं बाजार की अस्थिरता को मात देने और मुंबई। म्युचुअल फंडों की मल्टी-कैप योजनाएं बाजार की अस्थिरता को मात देने और . . . . .
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