हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 10 अगस्त 2022 तक 22.48 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 10 अगस्त 2021 तक 28.46 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सरकार का लक्ष्य खरीफ बुवाई 38.57 लाख हैक्टेयर में करने का है। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई 5.14 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 10 अगस्त 2021 तक यह बुवाई 4.75 लाख हैक्टेयर में हुई थी। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई का लक्ष्य 6.15 लाख हैक्टेयर है।
राज्य में मिर्च की बुवाई अब तक 24 हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में यह बुवाई 85 हजार हैक्टेयर में थी। जबकि, लक्ष्य 1.58 लाख हैक्टेयर का है। हल्दी की बुवाई आई अब तक 13 हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 15 हजार हैक्टेयर में थी। इसकी खेती का लक्ष्य 20 हजार हैक्टेयर है।
आंध्र प्रदेश में तुअर की बुवाई 1.19 लाख हैक्टेयर में हुई है, जबकि, पिछले साल समान समय में यह 2.09 लाख हैक्टेयर में हुई थी। उड़द की बुवाई अब तक नौ हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में भी 23 हजार हैक्टेयर में थी। आंध्र प्रदेश में मूंग की बुवाई अब तक पांच हजार हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में 12 हजार हैक्टेयर में थी।
राज्य में मूंगफली की बुवाई अब तक पांच लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 6.16 लाख हैक्टेयर थी। मूंगफली की बुवाई का लक्ष्य 7.30 लाख हैक्टेयर रखा गया है। कैस्टर की बुवाई अब तक 22 हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय 18 हजार हैक्टेयर में थी। राज्य में कैस्टर बुवाई का लक्ष्य 22 हजार हैक्टेयर रखा गया है। तिल की बुवाई का लक्ष्य 15 हजार हैक्टेयर रखा गया है। राज्य में अब तक तिल की बुवाई 20 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह 13 हजार हैक्टेयर में थी।
आंध्र प्रदेश में अब तक धान की बुवाई 8.28 लाख हैक्टेयर की तुलना में 11.12 लाख हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई 90 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह बुवाई 98 हजार हैक्टेयर थी।
(मोलतोल ब्यूरो; +91-75974 64665)
हैदराबाद। तेलंगाना में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 10 अगस्त 2022 तक 89,88,048 एकड़ में हुई है जबकि पिछले साल यह बोआई समान समय में 1,03,80,298 एकड़ में हुई थी। तेलंगाना में कपास की बुवाई 47,59,870 एकड़ में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 10 अगस्त 2021 तक यह बुवाई 50,22,915 एकड़ में हुई थी। तेलंगाना में कपास की सामान्य बुवाई 49,96,900 एकड़ रहती है।
तेलंगाना में तुअर की बुवाई 8,67,614 एकड़ की तुलना में 5,37,005 एकड़ में हुई है। तेलंगाना में मूंग की बुवाई अब तक 60,479 एकड़ में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 1,34,111 एकड़ में हो चुकी थी।
राज्य में मूंगफली की बुवाई अब तक 7,334 एकड़ में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 15,151 एकड़ थी। राज्य में सोयाबीन की बुवाई 3,77,119 एकड़ में हो चुकी है। यह बुवाई पिछले सीजन में समान समय में 3,47,822 एकड़ में थी। राज्य में कैस्टर की बुवाई 9,094 एकड़ की तुलना में 2,117 एकड़ में हुई है।
तेलंगाना में अब तक धान की बुवाई 23,91,083 एकड़ में हुई है जो पिछले साल समान समय में 32,28,250 एकड़ में थी। मक्का की बुवाई 5,98,441 एकड़ के मुकाबले 4,55,599 एकड़ में हुई है। ज्वार की बुवाई 54,646 एकड़ की तुलना में 26,916 एकड़ में हुई है।
गांधीनगर। गुजरात राज्य कृषि विभाग के मुताबिक 1 अगस्त तक राज्य में कुल खरीफ बुवाई 75,86,139 हैक्टेयर में हुई। यह बुवाई पिछले साल समान समय में 75,73,106 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में तीन साल की औसत खरीफ बुवाई 86.31 लाख हैक्टेयर रहती है।
राज्य में कपास की बुवाई 8 अगस्त 2022 तक 25,28,354 हैक्टेयर हुई है। जबकि राज्य में पिछले साल समान समय में यह बुवाई 22,40,765 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में कपास की पिछले तीन साल में सामान्य औसत बुवाई 24 लाख हैक्टेयर में होती है। राज्य में ग्वार सीड की बुवाई 84,113 हैक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल समान समय में यह 95,014 हैक्टेयर थी। गुजरात में ग्वार सीड की पिछले तीन साल की सामान्य औसत बुवाई 1.27 लाख हैक्टेयर है।
कृषि विभाग के अनुसार गुजरात में अब तक तुअर की बुवाई 2,02,637 हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में यह 2,19,839 हैक्टेयर में थी। मोठ की बुवाई 12,520 हैक्टेयर की तुलना में 13,251 हैक्टेयर में हुई है। मूंग की बुवाई 90,404 हैक्टेयर की तुलना में 70,407 हैक्टेयर में हुई है। उड़द की बुवाई 87,587 हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में यह 1,51,671 हैक्टेयर थी। राज्य में तीन साल का औसत दलहन का बुवाई एरिया 4.51 लाख हैक्टेयर रहता है।
तिलहन में मूंगफली की बुवाई 16,93,587 हैक्टेयर में हुई है, जबकि यह बुवाई पिछले साल 19,00,567 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में तिल की बुवाई 87,311 हैक्टेयर की तुलना में 63,589 हैक्टेयर में हुई है एवं सोयाबीन की बुवाई 2,23,474 हैक्टेयर की तुलना में 2,16,579 हैक्टेयर में हुई है। राज्य में तीन साल का औसत तिलहन बुवाई एरिया 28.02 लाख हैक्टेयर रहता है। कैस्टर की बुवाई 2,16,526 हैक्टेयर की तुलना में 3,05,931 हैक्टेयर में हुई है। इसका तीन साल का औसत बुवाई एरिया 6.77 लाख हैक्टेयर रहा है।
गुजरात में धान की बुवाई 7,92,225 हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल इसी समय तक 7,43,289 हैक्टेयर में हुई थी। बाजरा की बुवाई 1,56,695 हैक्टेयर की तुलना में 1,80,376 हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई 2,84,848 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल अब तक 2,90,841 हैक्टेयर में हुई थी।
नई दिल्ली। सभी फसलों की चल रही खरीफ बुवाई इस सप्ताह 900 लाख हैक्टेयर को पार कर 908.61 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गई है। लेकिन, यह अभी भी एक साल पहले के 937 लाख हैक्टेयर से 28 लाख हैक्टेयर कम है।
सूत्रों के अनुसार, धान के रकबे में अंतर, जो पिछले साल के स्तर से पिछले सप्ताह तक 35 लाख हैक्टेयर से अधिक था, अब बढ़कर लगभग 40 लाख हैक्टेयर हो गया है, जो उन कारकों में से एक है जिसके लिए सरकार ने बुवाई जारी नहीं करने का फैसला किया है। जानकारी। सूत्रों ने कहा कि पिछले साल 5 अगस्त तक धान का रकबा 314.14 लाख हैक्टेयर था।
सूत्रों ने कहा कि धान को छोड़कर, अन्य सभी फसलों की खरीफ बुवाई एक साल पहले के 622.61 लाख हैक्टेयर से 1.8 प्रतिशत बढ़कर 634.21 लाख हैक्टेयर हो गई है।
तिलहन की बुवाई 173.82 लाख हैक्टेयर से 174.79 लाख हैक्टेयर है, जिसमें सोयाबीन 117.51 लाख हैक्टेयर और मूंगफली 41.09 लाख हैक्टेयर में बोया गया है। मोटे अनाज का रकबा 154.40 लाख हैक्टेयर से बढ़कर 160.37 लाख हैक्टेयर हो गया है। हालांकि, मक्के के रकबे में पिछले सप्ताह से सुधार हुआ है, जो एक साल पहले के 76.34 लाख हैक्टेयर के अंतर को कम करके 75.75 लाख हैक्टेयर तक पहुंच गया है।
कपास का रकबा एक साल पहले के 113.51 लाख हैक्टेयर से शुक्रवार तक 121.13 लाख हैक्टेयर पर बना हुआ है। जूट और मेस्टा की बुवाई .99 लाख हैक्टेयर के मुकाबले 6.92 लाख हैक्टेयर और गन्ने की रोपाई 54.46 लाख हैक्टेयर की तुलना में 54.51 लाख हैक्टेयर रही।
पिछले साल जुलाई के अंत तक सामान्य क्षेत्र का 80 प्रतिशत (1,070 लाख हैक्टेयर) कवर किया गया था, जबकि इस साल कुल बुवाई पिछले साल कवर किए गए कुल 1,084.97 लाख हैक्टेयर का 76 प्रतिशत है। उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड को छोड़कर वर्षा के व्यापक वितरण के कारण जुलाई के अंतिम तीन हफ्तों में सामान्य क्षेत्र के 36 प्रतिशत हिस्से को कवर करना संभव था।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वी क्षेत्र में कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों में जुलाई में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की है। हालांकि, यदि निम्न दबाव प्रणाली बन जाती है तो उन राज्यों में भी मानसूनी वर्षा में कमी की कमी को पूरा किया जा सकता है। कुल मिलाकर देश में 1 जून से 5 अगस्त के बीच सामान्य से 6 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 3 अगस्त 2022 तक 18.83 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 3 अगस्त 2021 तक 17.12 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सरकार का लक्ष्य खरीफ बुवाई 38.57 लाख हैक्टेयर में करने का है। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई 4.67 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 3 अगस्त 2021 तक यह बुवाई 3.56 लाख हैक्टेयर में हुई थी। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई का लक्ष्य 6.15 लाख हैक्टेयर है।
राज्य में मिर्च की बुवाई अब तक 16 हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में यह बुवाई 15 हजार हैक्टेयर में थी। जबकि, लक्ष्य 1.58 लाख हैक्टेयर का है। हल्दी की बुवाई आई अब तक 11 हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में नौ हजार हैक्टेयर में थी। इसकी खेती का लक्ष्य 20 हजार हैक्टेयर है।
आंध्र प्रदेश में तुअर की बुवाई 94 हजार हैक्टेयर में हुई है, जबकि, पिछले साल समान समय में यह 88 हजार हैक्टेयर में हुई थी। उड़द की बुवाई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में भी आठ हजार हैक्टेयर में थी। आंध्र प्रदेश में मूंग की बुवाई अब तक चार हजार हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में छह हजार हैक्टेयर में थी।
राज्य में मूंगफली की बुवाई अब तक 4.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 4.08 लाख हैक्टेयर थी। मूंगफली की बुवाई का लक्ष्य 7.30 लाख हैक्टेयर रखा गया है। कैस्टर की बुवाई अब तक 20 हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में सात हजार हैक्टेयर में थी। राज्य में कैस्टर बुवाई का लक्ष्य 22 हजार हैक्टेयर रखा गया है। तिल की बुवाई का लक्ष्य 15 हजार हैक्टेयर रखा गया है। राज्य में अब तक तिल की बुवाई 16 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह 13 हजार हैक्टेयर में थी।
आंध्र प्रदेश में अब तक धान की बुवाई 6.53 लाख हैक्टेयर की तुलना में 6.66 लाख हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई 84 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह बुवाई 68 हजार हैक्टेयर थी।
जयपुर। राजस्थान में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 4 अगस्त 2022 तक 1,59,48,820 हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 4 अगस्त 2021 तक 1,25,16,500 हैक्टेयर में हुई थी। जबकि, सरकार का लक्ष्य 1,64,17,000 हैक्टेयर है।
राजस्थान में कपास की बुवाई 6,47,100 हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 4 अगस्त 2021 तक यह बुवाई 5,99,220 हैक्टेयर में हुई थी। राजस्थान कृषि विभाग ने नए सीजन में कपास का बुवाई लक्ष्य आठ लाख हैक्टेयर रखा है।
राज्य में ग्वार की बुवाई अब तक 29,70,200 हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में 16,99,060 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य सरकार ने इसका बुवाई लक्ष्य 25 लाख हैक्टेयर रखा है।
राजस्थान में मूंग की बुवाई अब तक 20,24,410 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 18,07,190 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में मूंग की बुवाई का लक्ष्य 24 लाख हैक्टेयर रखा गया है। मोठ की बुवाई अब तक 9,42,110 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 5,80,330 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में मोठ का बुवाई लक्ष्य 10.50 लाख हैक्टेयर रखा गया है।
उड़द की बुवाई 3,13,820 हैक्टेयर में हुई है जो पिछले सीजन में इस समय तक 3,69,420 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में उड़द की बुवाई का लक्ष्य 5.50 लाख हैक्टेयर रखा गया है। राजस्थान में चौला की बुवाई 67,370 हैक्टेयर में हुई है। यह बुवाई पिछले साल समय में 61,590 हैक्टेयर थी। राज्य में चौला की बुवाई का लक्ष्य 75 हजार हैक्टेयर रखा गया है।
राज्य में सोयाबीन की बुवाई अब तक 11,32,750 हैक्टेयर में हुई है। पिछले सीजन में यह बुवाई इस समय तक 10,03,070 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में सोयाबीन की बुवाई का लक्ष्य 11.50 लाख हैक्टेयर रखा गया है। मूंगफली की बुवाई अब तक 7,82,090 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 7,49,500 हैक्टेयर थी। राज्य में मूंगफली की बुवाई का लक्ष्य आठ लाख हैक्टेयर रखा गया है। तिल की बुवाई अब तक 2,58,830 हैक्टेयर में हो चुकी है। पिछले सीजन में यह बुवाई अब तक 2,30,550 हैक्टेयर थी। राजस्थान में तिल की बुवाई का लक्ष्य तीन लाख हैक्टेयर रखा गया है। कैस्टर की बुवाई अब तक 1,31,980 हैक्टेयर में हो चुकी है। बीते सीजन में अब तक कैस्टर की बुवाई 25,350 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में कैस्टर की बुवाई का लक्ष्य 1.60 लाख हैक्टेयर रखा गया है।
राजस्थान में अब तक धान की बुवाई 2,16,190 हैक्टेयर में हुई है। राज्य में नए खरीफ सीजन के तहत धान की बुवाई का लक्ष्य 2.10 लाख हैक्टेयर रखा गया है। ज्वार की बुवाई 6,76,920 हैक्टेयर में हुई है। ज्वार की बुवाई का लक्ष्य 6.10 लाख हैक्टेयर रखा गया है। मक्का की बुवाई 9,39,190 हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई का लक्ष्य 9.40 लाख हैक्टेयर रखा गया है।
हैदराबाद। तेलंगाना में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 3 अगस्त 2022 तक 80,85,303 एकड़ में हुई है जबकि पिछले साल यह बोआई समान समय में 95,92,723 एकड़ में हुई थी। तेलंगाना में कपास की बुवाई 45,42,355 एकड़ में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 3 अगस्त 2021 तक यह बुवाई 49,85,895 एकड़ में हुई थी। तेलंगाना में कपास की सामान्य बुवाई 49,96,900 एकड़ रहती है।
तेलंगाना में तुअर की बुवाई 8,62,405 एकड़ की तुलना में 5,17,915 एकड़ में हुई है। तेलंगाना में मूंग की बुवाई अब तक 59,012 एकड़ में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 1,27,959 एकड़ में हो चुकी थी।
राज्य में मूंगफली की बुवाई अब तक 6,244 एकड़ में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 15,038 एकड़ थी। राज्य में सोयाबीन की बुवाई 3,49,485 एकड़ में हो चुकी है। यह बुवाई पिछले सीजन में समान समय में 3,45,320 एकड़ में थी। राज्य में कैस्टर की बुवाई 8,952 एकड़ की तुलना में 1,580 एकड़ में हुई है।
तेलंगाना में अब तक धान की बुवाई 18,07,311 एकड़ में हुई है जो पिछले साल समान समय में 25,22,142 एकड़ में थी। मक्का की बुवाई 5,76,106 एकड़ के मुकाबले 4,21,160 एकड़ में हुई है। ज्वार की बुवाई 54,092 एकड़ की तुलना में 25,295 एकड़ में हुई है।
गांधीनगर। गुजरात राज्य कृषि विभाग के मुताबिक 1 अगस्त तक राज्य में कुल खरीफ बुवाई 70,24,791 हैक्टेयर में हुई। यह बुवाई पिछले साल समान समय में 7,067,054 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में तीन साल की औसत खरीफ बुवाई 86.31 लाख हैक्टेयर रहती है।
राज्य में कपास की बुवाई 1 अगस्त 2022 तक 25,04,390 हैक्टेयर हुई है। जबकि राज्य में पिछले साल समान समय में यह बुवाई 22,22,372 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में कपास की पिछले तीन साल में सामान्य औसत बुवाई 24 लाख हैक्टेयर में होती है। राज्य में ग्वार सीड की बुवाई 60,367 हैक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल समान समय में यह 67,730 हैक्टेयर थी। गुजरात में ग्वार सीड की पिछले तीन साल की सामान्य औसत बुवाई 1.27 लाख हैक्टेयर है।
कृषि विभाग के अनुसार गुजरात में अब तक तुअर की बुवाई 1,87,793 हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में यह 2,12,239 हैक्टेयर में थी। मोठ की बुवाई 8,678 हैक्टेयर की तुलना में 10,821 हैक्टेयर में हुई है। मूंग की बुवाई 73,337 हैक्टेयर की तुलना में 58,954 हैक्टेयर में हुई है। उड़द की बुवाई 74,579 हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में यह 1,40,549 हैक्टेयर थी। राज्य में तीन साल का औसत दलहन का बुवाई एरिया 4.51 लाख हैक्टेयर रहता है।
तिलहन में मूंगफली की बुवाई 16,72,401 हैक्टेयर में हुई है, जबकि यह बुवाई पिछले साल 18,93,734 हैक्टेयर में हुई थी। राज्य में तिल की बुवाई 79,055 हैक्टेयर की तुलना में 47,063 हैक्टेयर में हुई है एवं सोयाबीन की बुवाई 2,19,942 हैक्टेयर की तुलना में 2,11,255 हैक्टेयर में हुई है। राज्य में तीन साल का औसत तिलहन बुवाई एरिया 28.02 लाख हैक्टेयर रहता है। कैस्टर की बुवाई 1,02,185 हैक्टेयर की तुलना में 1,47,265 हैक्टेयर में हुई है। इसका तीन साल का औसत बुवाई एरिया 6.77 लाख हैक्टेयर रहा है।
गुजरात में धान की बुवाई 6,67,334 हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल इसी समय तक 6,29,744 हैक्टेयर में हुई थी। बाजरा की बुवाई 1,36,729 हैक्टेयर की तुलना में 1,75,586 हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई 2,81,900 हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल अब तक 2,87,411 हैक्टेयर में हुई थी।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 27 जुलाई 2022 तक 14.29 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल यह बुवाई 27 जुलाई 2021 तक 13.96 लाख हैक्टेयर में हुई थी। सरकार का लक्ष्य खरीफ बुवाई 38.57 लाख हैक्टेयर में करने का है। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई 3.76 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है। जबकि, पिछले साल 27 जुलाई 2021 तक यह बुवाई 3.12 लाख हैक्टेयर में हुई थी। आंध्र प्रदेश में कपास की बुवाई का लक्ष्य 6.15 लाख हैक्टेयर है।
राज्य में मिर्च की बुवाई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में यह बुवाई दस हजार हैक्टेयर में थी। जबकि, लक्ष्य 1.58 लाख हैक्टेयर का है। हल्दी की बुवाई आई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में भी यह आठ हजार हैक्टेयर में थी। इसकी खेती का लक्ष्य 20 हजार हैक्टेयर है।
आंध्र प्रदेश में तुअर की बुवाई 66 हजार हैक्टेयर में हुई है, जबकि, पिछले साल समान समय में यह 72 हजार हैक्टेयर में हुई थी। उड़द की बुवाई अब तक आठ हजार हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में सात हजार हैक्टेयर में थी। आंध्र प्रदेश में मूंग की बुवाई अब तक चार हजार हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल समान समय में छह हजार हैक्टेयर में हो चुकी थी।
राज्य में मूंगफली की बुवाई अब तक तीन लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जो पिछले साल समान समय में 3.27 लाख हैक्टेयर थी। मूंगफली की बुवाई का लक्ष्य 7.30 लाख हैक्टेयर रखा गया है। कैस्टर की बुवाई अब तक 16 हजार हैक्टेयर में हुई है जो पिछले साल समान समय में छह हजार हैक्टेयर में थी। राज्य में कैस्टर बुवाई का लक्ष्य 22 हजार हैक्टेयर रखा गया है। तिल की बुवाई का लक्ष्य 15 हजार हैक्टेयर रखा गया है। राज्य में अब तक तिल की बुवाई 16 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह 12 हजार हैक्टेयर में थी।
आंध्र प्रदेश में अब तक धान की बुवाई 5.13 लाख हैक्टेयर की तुलना में 4.86 लाख हैक्टेयर में हुई है। मक्का की बुवाई 67 हजार हैक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान समय में यह बुवाई 52 हजार हैक्टेयर थी।
नई दिल्ली। खरीफ धान को लेकर चिंता बनी हुई है क्योंकि 29 जुलाई (शुक्रवार) तक इसका रकबा 13 फीसदी कम होकर 231.59 लाख हैक्टेयर रह गया है, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 267.05 लाख हैक्टेयर था। इसके परिणामस्वरूप खरीफ फसलों की कुल बुवाई 2.2 प्रतिशत घटकर 823.40 लाख हैक्टेयर रह गई, जो एक साल पहले 841.66 लाख हैक्टेयर थी।
कृषि मंत्रालय द्वारा जारी साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, यदि धान को बाहर कर दिया जाता है, तो कुल रकबा एक साल पहले की अवधि से 3 प्रतिशत अधिक है। धान के अलावा मक्का, मूंगफली, कुलठी और तुअर(अरहर) के रकबे में कमी आई है। सरकार ने पिछले सप्ताह धान, कपास और गन्ने की बुवाई के आंकड़े जारी करने पर रोक लगा दी थी।
एक अधिकारी ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में, धान के तहत 59 लाख हैक्टेयर की रोपाई की गई, जबकि तुलनात्मक अवधि में यह 60 लाख हैक्टेयर थी। इससे पता चलता है कि गति तेज हो गई है। लेकिन अगर पिछले अंतर को पाटना है तो इसे ऊपर जाना होगा, जो फिलहाल उत्तर प्रदेश और बिहार में भारी वर्षा की कमी के कारण असंभव लगता है।
मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु में धान की बुवाई का रकबा अधिक बताया गया है। लेकिन पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, हरियाणा और असम के सभी प्रमुख चावल उत्पादक क्षेत्रों में रकबे में गिरावट दर्ज की गई है।
सभी दलहनों का कुल रकबा 103.23 लाख हैक्टेयर से 3 प्रतिशत बढ़कर 106.18 लाख हैक्टेयर हो गया है। तुअर (अरहर) का रकबा 13.5 फीसदी गिरकर 36.11 लाख हैक्टेयर पर आ गया है क्योंकि प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र और तेलंगाना में किसानों ने कपास की ओर रुख किया है। बेहतर कीमत और शीर्ष उत्पादक राजस्थान में मानसून की शुरुआत के कारण मूंग ने 29.26 लाख हैक्टेयर पर 15.7 प्रतिशत अधिक रकबा दर्ज किया है।
तिलहन की बुवाई एक साल पहले के 163.03 लाख हैक्टेयर से मामूली अधिक बढ़कर 164.34 लाख हैक्टेयर हो गई है। सोयाबीन की बुवाई 2.5 प्रतिशत बढ़कर 142.21 लाख हैक्टेयर और मूंगफली का रकबा 2.5 प्रतिशत घटकर 37.41 लाख हैक्टेयर रह गया है। प्रारंभ में, मूंगफली का रकबा अधिक था, मुख्यतः राजस्थान में, जहां यह अभी भी अधिक है, लेकिन अंतर कम हो गया है।
मोटे अनाज का रकबा 135.30 लाख हैक्टेयर से 5.1 प्रतिशत बढ़कर 142.21 लाख हैक्टेयर हो गया है। हालांकि, मक्का का रकबा 5 फीसदी घटकर 69.05 लाख हैक्टेयर रह गया है।
कपास का रकबा पिछले साल से आगे बना हुआ है, जिसका मुख्य कारण पिछले साल किसानों को अधिक मूल्य मिलना है। यह शुक्रवार तक 117.65लाख हैक्टेयर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले की अवधि के 111.69 लाख हैक्टेयर से 5.3 प्रतिशत अधिक है। लेकिन जूट और मेस्टा की बुवाई 6.94 लाख हैक्टेयर से मामूली घटकर 6.91 लाख हैक्टेयर और गन्ने की 54.42 लाख हैक्टेयर से 54.51 लाख हैक्टेयर अधिक है।
पिछले साल, सामान्य क्षेत्र का 80 प्रतिशत (1,070 लाख हैक्टेयर) जुलाई के अंत तक कवर किया गया था, लेकिन इस साल अब तक, कुल बुवाई 1,084.97 लाख हैक्टेयर में से केवल 76 प्रतिशत ही हुई है। 20201 में, मानसून जल्दी आ गया और जल्दी बुवाई में मदद करने के लिए देश को कवर किया। पिछले तीन हफ्तों में, वर्षा के व्यापक वितरण के कारण, कुछ राज्यों को छोड़कर, सामान्य क्षेत्र के 36 प्रतिशत हिस्से को कवर करना संभव हो पाया है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने पूर्वी क्षेत्र में कुछ राज्यों को छोड़कर अधिकांश राज्यों में जुलाई में अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की थी। पूरे देश में, 1 जून से 29 जुलाई के बीच सामान्य से 9 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। पूर्व और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र को छोड़कर, जहां अन्य भागों की तुलना में वर्षा की मात्रा बहुत अधिक है, में वर्षा दक्षिणी, उत्तर-पश्चिम और मध्य क्षेत्र सामान्य से ऊपर हैं।
Tuesday March 21,2023
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 10 अगस्त 2022 तक 22. हैदराबाद। आंध्र प्रदेश में खरीफ सीजन के तहत कुल बुवाई 10 अगस्त 2022 तक 22. . . . . .
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